आखिर कब तक देते रहेंगे हम सब्र का इम्तिहान

आजादी के बाद जितनी सरकारें आयी सबने यही कहाँ आतंकवाद अब बर्दास्त नहीं किया जायेगा ! अब हम इसका मुहँ तोड़ जबाब देंगे ! हम करते कुछ नहीं है केवल सब्र का इम्तेहान देते है ! पिछले दिनों जिस अमानवीय तरीके से सैनिकों के सर कट लिये गये और सरकार ने कुछ धन राशि उनके परिवार वालों को प्रदान कर के अपने कर्तव्य का निर्वाह किया यह समस्या का समाधान नहीं हो सकता ! क्या इससे रक्षा वन्धन के दिन बहन के द्वरा लाल टीका लगाने वाला माथ , सीमा कि सुरक्षा के लिये जाते वक्त माँ बाप के चरणों में झुका हुआ माथ वापस आ सकता  है ?
          एक बार सबक सिखलाना पड़ेगा ! वैसे गुरु माबदौलत ने कभी लिखा था ! पाकिस्तान की औकात ही कितनी है ... जितना पाक बोलता है उतने तो अपने शहर में आवारे कुत्ते भूंक देते है ! पाक के कल-कारखाने जितना धुँआ फेंकते है उतने की लोग यहाँ बीड़ी फूंक देते है और खान पान जितने में पाक का चलता है उतने बिहारी सुर्ती खाके थूक देते है ! जितनी जनसंख्या पाकिस्तान की है उतने तो यहाँ साधु सन्त नागा बाबाओं की संख्या है ! जिस दिन मौनी बाबा ने मौन व्रत तोड़ते हुए लाल किले से यह घोषणा कर दी कि हे महात्माओं हम कुछ नहीं कर सकते हमें कर दो माफ़ समझो कि पाकिस्तान साफ !
       अमेरिका से हमनें कुछ नहीं सीखा क्योकि हम ठहरे विश्व गुरु हम ज्ञान देते है ज्ञान लेते नही है ! पाक से होने वाली वार्ता में भी यदि हम ज्ञान या बुद्धि का प्रयोग किए होते ! किसी ढंग के व्यक्ति या नेता को समझौते के लिये पाकिस्तान भेज दिये होते तो आज ये दिन नही देखने पड़ते ! पूरे विश्व को स्कूटर पर भैंस लादने की कला से अवगत कराने वाले ,राणाप्रताप के इतिहास को दुहराने वाले उस महान नेता को ही यदि पाक समझौते के लिये भेज दिया गया होता तो पूरा इस्लामाबाद अभी तक भैंस का तबेला बन गया होता ! उन आतंकवादियों को गोबर उठाने से फुर्सत ही नहीं मिलती आतंक के लिये हथियार क्या उठाते !
    फिर न कही आतंकी होते न आतंकबाद ! लेकिन हम शान्ति के कबूतर उड़ानेन में लगे है और वे उन कबूतरों को हलाल करने में !

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