हज़ल
दिलावर फ़िगार (पाकिस्तान)
अमरीका शेर पढ़ने गये थे हमारे दोस्त
खुद दाद लेके आ गये सामान रह गया !
दीवान ए हाफिज़ इतना पढा एक शख्स ने
खुद भी वो होके हाफिज़ ए दीवान रह गया !!
खुश किस्मती से हम हैं सवार उस जहाज़ पर
साहिल पर जिस जहाज़ का कप्तान रह गया !!
हर शख्स पर है कुफ़्र का फ़तवा लगा हुआ
यूं है तो एक मैं ही मुसलमान रह गया !!
दिलावर फ़िगार (पाकिस्तान)
अमरीका शेर पढ़ने गये थे हमारे दोस्त
खुद दाद लेके आ गये सामान रह गया !
दीवान ए हाफिज़ इतना पढा एक शख्स ने
खुद भी वो होके हाफिज़ ए दीवान रह गया !!
खुश किस्मती से हम हैं सवार उस जहाज़ पर
साहिल पर जिस जहाज़ का कप्तान रह गया !!
हर शख्स पर है कुफ़्र का फ़तवा लगा हुआ
यूं है तो एक मैं ही मुसलमान रह गया !!
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