पानी पर

तेरी मेरी युगों तक कहानी रहे
तो जरुरी है नदियों में पानी रहे
ग़र न पानी बचा सब बिखर जायेगा।
इस धरा से तो जीवन उजड़ जायेगा।।

पानी संसार सागर को घेरे अड़ा ।
बर्फ बनकर हिमालय में तनकर खड़ा।
मेघ बनकर गगन से बरसता रहा।
हिन्द का पानी सैनिक के संग भी लड़ा।
देश का आप पानी बचा लीजिये
वरना पानी का पानी उतर जायेगा.............

मत तरन ताल के स्नान से पूछिए।
बन्द बोतल बिके शान से पूछिए
पूछना हो जो पानी की कीमत कभी
आसमां ताकते धान से पूछिए ।
तरु लता जीव जन्तु का आधार है पिण्ड पानी बिना कैसे तर जायेगा.............

गंगा तट तुलसी कबीरा की बानी मिलेे।
यमुना तट मीर जैसी दीवानी मिले।
खिलखिलाती रहे नर्मदा सर्वदा
प्यासे मरुथल को अँजुरी भर पानी मिले।
आज आंगन में सावन सजा लीजिये देखियेगा की कल भी संवर जायेगा।


@अनिल चौबे

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