हर हर घहराती गंगा लहराती चली
हिमवान को भी भ्रम हो गया भूचाल का।
विधि का मिटाने लेख पाप ताप धोने हेतु
तपसी भगीरथ का तप है कमाल का।
स्वर्ग से जटाओं तक रजत की रेखा देखो
छलका है क्षीर मानो अमृत के ताल का।
ब्रह्मा की कमण्डलु से लगता है शीश पर
कर रही अभिषेक बाबा महाकाल का।।
हिमवान को भी भ्रम हो गया भूचाल का।
विधि का मिटाने लेख पाप ताप धोने हेतु
तपसी भगीरथ का तप है कमाल का।
स्वर्ग से जटाओं तक रजत की रेखा देखो
छलका है क्षीर मानो अमृत के ताल का।
ब्रह्मा की कमण्डलु से लगता है शीश पर
कर रही अभिषेक बाबा महाकाल का।।
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