सिंघावलोकन
प्यार में अनेक बार मिलता नही है प्यार
नगद जवानी कट जाती इंतजार में !
इंतजार में भी एक क्षण लगता है युग
कल्पनायें डूब जाती आँसूओं कि धार में !
धार में वफा कसम वादे बह जाते सभी
शेष बस यादें रह जाती उपहार में !
उपहार में ही जान चली जाती है ये जान
फंसना कभी न किसी रूपसी के प्यार में !!
प्यार में अनेक बार मिलता नही है प्यार
नगद जवानी कट जाती इंतजार में !
इंतजार में भी एक क्षण लगता है युग
कल्पनायें डूब जाती आँसूओं कि धार में !
धार में वफा कसम वादे बह जाते सभी
शेष बस यादें रह जाती उपहार में !
उपहार में ही जान चली जाती है ये जान
फंसना कभी न किसी रूपसी के प्यार में !!
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