सिंघावलोकन घनाक्षरी

चंद्रशेखर आजाद
पायेगा न अमरत्व शेखर के जैसा कोई
शायद न वीर ऐसा फिर कोई आयेगा।
आयेगा न भक्ति भाव मन में स्वदेश का तो
शत्रुओं के मध्य जय हिन्द कौन गायेगा।
गायेगा हजार बार भारती का यश गान
क्या सपूत का चरित्र देश दुहरायेगा।
दुहरायेगा भले ही बलिदानी कथा किन्तु
शेखर सा इतिहास कौन रच पायेगा।

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