अरे कवि जी
आप जैसे विद्वान
प्रखर प्रवक्ता
मातृ भाषा हिंदी के लिए समर्पित रससिद्ध राष्ट्रीय कवि
को मेरी आँखे
विश्व हिंदी सम्मेलन में ढूंढ रही थी। नये नये लड़के गले में तख्ती लटकाये टीवी पर दिख रहे थे ।
और आप हिन्दी के उन्नयन के लिए घर बैठे कविता लिख रहे थे।
चौपट है का जी ?
आप जैसे विद्वान
प्रखर प्रवक्ता
मातृ भाषा हिंदी के लिए समर्पित रससिद्ध राष्ट्रीय कवि
को मेरी आँखे
विश्व हिंदी सम्मेलन में ढूंढ रही थी। नये नये लड़के गले में तख्ती लटकाये टीवी पर दिख रहे थे ।
और आप हिन्दी के उन्नयन के लिए घर बैठे कविता लिख रहे थे।
चौपट है का जी ?
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