{ न टेंशन न ज्ञान. केवल हँसी मुस्कान }
दोहा
सरसों दुखी सिवान में फागुन दिखा मरन्त।
रोटी ख़ातिर गाँव से दुबई गया बसन्त।
राग फाग सब गाँव से हँसी ठिठोली दूर।
गठरी बांधे ले गये लुधियाना मज़दूर।।
सब अपने में व्यस्त हैं नयन अधर मुस्कान।
भइया निपट किसान हैं भउजी ग्राम प्रधान।
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