कोई मोमबत्ती जलाओ बहुत अन्धेरा है


 हम भारतवासी दीप जलाकर अपने शुभकार्यो का शुभारम्भ करते थे। मोमबत्ती केवल चर्च में जलती थी। अब तो दीप जलाने के लिए भी पहले मोमबत्ती जलानी पडती है। बर्थ डे का प्रचलन बढा और मोम्बत्ती सभ्यता का प्रवेश हमारे घर आंगन तक हो गया। दीया को फूंक मारकर बुझाना अशुभ माना जाता था अब फूंक मार कर बुझाये बिना जन्मदिन का केक नही कटता। हम ढीबरी युग से चले थे कैन्डील डीनर से कैन्डील मार्च करते हुये मोमबत्ती युग तक पहॅंच पाये है इतनी सी है हमारी विकास या़त्रा। पहले हमारे विरोध में भी दम हुआ करता था विरोध प्रदर्शन के लिए हम शाम को मशाल जुलुस निकालते थे। अब दोपहर में मोमबत्ती यात्रा निकाल कर अपने कर्तब्य की इतिश्री मान लेते है। पुरे विश्व को ज्ञान दीप से प्रकाशित करने वाला देश मोमबत्ती संस्कृति में गिरफ्तार होते जा रहा है। जब ढीबरी ने रात भर अन्धेरे के खिलाफ रौशनी फैलाते हुये संर्घष कायम रखा था तो किसी बुद्धिजीवी ने मुहावरा गढ दिया था कि ’’ मिट्टी के तन पर इतना गुमान यदि चाॅदी की होती तो हे भगवान’’ अब इस मोमबत्ती पर कहो तो जाने। वो तो ठीक है कि आज सुपर्णनखा नाक कटाने के बाद भी अपने खर दूषण भाई को नही बता रही, वरना कितने संगठन मोमबत्ती लेकर सडकों पर उतर आये होते। इसलिये हनुमान जी भी लंका जलाने की अपेक्षा श्रीलंका जाकर चुनाव प्रचार करना उचित समझ रहे है। भाई राक्षसी सेना ने तो केवल पुंछ में आग लगायी थी ये मोमबत्ती सेना न जाने कहाॅ कहाॅ आग लगा दे।  मुझे तो मोमबत्ती थामे जुलुश में चलने बाले ये चेहरे कई बार मोमबत्ती उद्योग के एजेन्ट जैसे लगते है। जैसे बारात में माथे मर विद्युत बत्ती ले जाने वाले मजदूर के चेहरे उदासीन होते है उनका मनतव्य गन्तव्य पर पहुंचकर मिलने वाली दिहाडी और बाद में मिलने वाले बचे खुचे भोजन से होता है। ठीक वैसे ही लगते है ये मोमबत्ती मैन वाले जुलुशनुमा चेहरे। हत्या बलात्कार बम बिस्फोट हो रहे है मोमबत्तियाॅ जलायी जारही है। पर इस रौशनी का कोई प्रभाव नही पडता क्योंकि इसकी रौश्नी में दिखावा है सम्वेदनाओं का प्रदर्शन है। इसका प्रकाश कृतिम है। और हाॅ यदि जलाने का इतना शौक है तो किसी गरीब लाचार निर्धन का चुल्हा जलाओं। दहेज का दानव जलाओ। किसी अनपढ बस्ती में अक्षर का दीप जलाओ। कुन्ठा, ईष्र्या द्वेष, का भाव जलाओ। भौतिकवादी माॅल-पीज्जा-बर्गर संकृति के गहन तिमीर में भी कोई मोमबत्ती जलाओं बहुत अन्धेरा है।   

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