हर हर बम बम जपत रटत नर
सहज रहत बस झट घट अघ तम !
भज भगवन राज सर धर मद तज
भव भय हर डर बढ़त न पगयम !
नयन उठत जब जरत मदन तन
अचरज मत कर वर पर हरदम !
उठ चल झट पट घर भर रत रह
अचल सफल फल जप हर बमबम !
२
गरम करत जब उमस बढ़त तब
तन जल बह जस नर कर कसरत !
लथपथ हरदम वसन बदन पर
पवन जातन कर सब जन कहरत !
पग पग पर मग तपकर दहकत
जरत अगन नभ कस कर झहरत !
तपत रहत मन तडपत छन छन
लखत नयन घन सघन अनवरत !
सहज रहत बस झट घट अघ तम !
भज भगवन राज सर धर मद तज
भव भय हर डर बढ़त न पगयम !
नयन उठत जब जरत मदन तन
अचरज मत कर वर पर हरदम !
उठ चल झट पट घर भर रत रह
अचल सफल फल जप हर बमबम !
२
गरम करत जब उमस बढ़त तब
तन जल बह जस नर कर कसरत !
लथपथ हरदम वसन बदन पर
पवन जातन कर सब जन कहरत !
पग पग पर मग तपकर दहकत
जरत अगन नभ कस कर झहरत !
तपत रहत मन तडपत छन छन
लखत नयन घन सघन अनवरत !
वाह
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