हास्य कवि अनिल चौबे एक संक्षिप्त परिचय


पिछले डेढ़ दशक में हिन्दी कवि सम्मेलन मंचों पर हास्य कवि के रूप में उभरे कवियों में डॉ अनिल चौबे वो नाम है जो अपनी मौलिकता और प्रत्युत्पन्न मति के लिए जाना जाता है ! १ अक्टूबर १९७६ को बिहार प्रान्त के गोपालगंज जिले के पटखौली नामक गाँव में जन्मा यह युवा रचनाकार हिन्दी काव्य मंचों का चहेता कवि है! देश के विभिन्न मंचों पर अपनी लोकप्रिय प्रस्तुति से ख्याति प्राप्त कवि अनिल चौबे भारत के अलावा दुबई शारजहाँ वैंकोक आदि देशों में भी अपनी हास्य व्यंग्य कविताओं का जादू बिखेर चुके है ! संस्कृत साहित्य का लालित्यमय सौंदर्य और भाषायी टोन की शरारती महक उनकी बोलचाल में सहज रूप से उतरी है, जो इन्हें अन्य मंचीय कवियों से अलग तो करती ही है, विशिष्ट भी
बनाती है ! उनकी रचनाएँ केवल हास्य की गुदगुदी ही नही पैदा करती बल्कि व्यंग्य की तीखी चुभन भी देती है ! उनका रचनाकार जहाँ एक ओर चहरे पर खिलखिलाहट बिखेरने में सक्षम है, वहीं अपना काव्य धर्म निर्वाह करते हुए मस्तक पर सार्थक चिंतन की गम्भीर रेखाएँ उभारने की क्षमता भी रखता है ! सहज बातचीत, हंसमुख व्यवहार, स्थितियों और घटनाओं को गहनता से समझने की अद्भुत क्षमता, व्यंग्य की आत्मा को टटोलते हुए जीवन के तमाम पहलुओं पर चर्चा और बेहिचक सच बोल सकने का आत्मबल डॉ अनिल चौबे को अन्य कवियों से विशेष बनाता है !

                                                 -अभय प्रकाश
                                                     पत्रकार
                                                     वाराणसी 

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