महान तो वही हुआ जिसे पत्नी ने पीटा


जिस दिन से समाचार पढा कि हिलेरी भी अपने पति क्लिन्टन को आये दिन पीटती थी तब से सृष्टि के समस्त नारियों के प्रति  सम्मान और भी बढ गया है। पत्नी की पवित्र भावना को पति समझ ही नही सकता, आखिर मूर्ख जो ठहरा । पत्नी एक पूर्व राष्ट्रपति की तरह पीटती रही और पति वर्तमान पति की तरह मुहल्ला सिर पर उठा कर चिल्लाता रहा, कहां वह इसे अमेरिका के क्लिन्टन की तरह सम्मानित करती रही और पति इसे अपमान समझता रहा। इस अल्पज्ञान के लिए अबोध नासमझ पति को हो सके तो क्षमा कर देना चाहिए। चूंकि पति एक घरेलू प्राणी होता है इसलिए घर से बाहर भी कोई दूनिया है इससे सर्वथा अनभिज्ञ रहता है।
इसकी भी दो आॅंखें होती है जिससे यह भी आम जीव जन्तुओं की तरह मात्र देखने का ही काम कर सकता है। मुंह भी होता है जिसके खुलने की कोई गरान्टी नही होती। साल में एक दिन मजदूर दिवस होता है जिस दिन मजदूर भी छुट्टी मनाते है। पति के जीवन में ऐसा कोई भी दिन नही होता। हालाकि पति नामक जीव काफी कुछ आदमी से मिलता जुलता होता है। या यूं कह सकते है कि पति होने के पूर्व यह मनुष्य ही होता है जिसके नाक में पत्नी नामक नकेल होती है। इसलिए पति का खुश होना गृहस्थ जीवन में सबसे बडी दुर्घटना मानी जाती हैै। पति यदि डांट दे तो वह घरेलु हिंसा है ,अत्याचार है। पत्नी का बेलनात्मक प्रहार भी सत्कार है प्यार है।
          पत्नियों ने आज तक इन निरूपयोगी पतियों को तुलसी, तुकाराम, कालिदास और आज के युग में क्लिन्टन जैसा महान बनाने का काम किया है। पत्नी न हो तो आप लंका जला सकते है लेकिन पत्नी हो तो सिगरेट सुलगा कर दिखाइये। बिना बीबी के आदमी एकदम राहुल गांधी हो के रह जाता है। सोचो कितना बडा त्याग है इनका, ये छोड दे या इनको पति छोड दे फायदा हमेशा पति का ही होता है। कितनी महान भूमिका होती है आदमी को महान पति बनाने में पत्नियों की। बिना पत्नियों के हाथ लगाये क्या मजाल कि कोई पति महान हो जाय। महान बनाने की कार्यशाला है पत्नियां इसलिए इनके पीटने को प्रसाद समझना चाहिए। इस नश्वर संसार में कोई ऐसा भी पति है क्या जो पत्नी के प्रकोप से प्रताडित न हुआ हो ? जब सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के पूर्व राष्ट्रपति अपनी सगी वर्तमान पत्नी के हाथों पीट सकते है तो आप और हमारे जैसे पति किस पेड के बैगन है। मुस्कुरा तो एसे रहे है जैसे आप कभी पीटे न गये हो। महान तो वही हुआ जिसे पत्नी ने पीटा।

3 टिप्‍पणियां:

  1. डॉ. अनिल चौबे जी
    २० अक्टूबर को प्रकाशित व्यंग्य महान तो वही हुआ जिसे पत्नी ने पीटा अद्भूत है।महापुरुषों की सूचि भी बाकायदा दे रखी है आपने।एक बात कहनी थी कि पति होने पहले वह मनुष्य ही होता है पर अपनी नकेल वह स्वयं ही पत्नी नामक नियन्त्रक के हाथो सौंपता है।वह भी बड़े उतावलेपन के साथ और फ़िर शिकायत भी वह भी दबे जुबान से।

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  2. आत्मिक अनुभूतात्मक टिप्पणी
    जय

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  3. आत्मिक अनुभूतात्मक टिप्पणी
    जय

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