ये देश नही मेरी जान है जिसे हिन्दूस्तान कहते है।


सबेरे सबेरे पति द्वारा बनाई गयी चाय में बिस्किट डूबोकर खाती हुई अलसाई बीबी की बात को देश की चिन्ता मानकर सार्वजनिक रूप से शेयर करने वाले पति को हम बेवकूफ पति समझते है। शायद आप भी ऐसा ही समझते होंगे और जो ऐसा न समझे जरूर किसी दुसरे गोले से आया होगा। जैसे निरन्तर मफलर लगाने वाले आदमी को देखकर साइबेरियन पंछी भारत की तरफ उडान नही भरते ठीक वैसे ही मेकपयुक्त बीबी की औचित्यहीन बातों को सुनकर बेतुक्के बयान नही दिये जाते। औघढ की गाली, बीबी के थप्पड और मसखरे की बात को बुरा नही मानना चाहिए और न इसे गम्भीरता से लेना चाहिए। हां अगर जबान फिसल जाये लोग अपने तरीके से मतलब निकालने लगे तो उसका क्या किया जा सकता है। जैसे बिहार के डीप्टी सीएम की फिसल गई और अपेक्षित की जगह उपेक्षित निकल गया। शराब बन्दी का मतलब बिहार वाले शराब के बाद होने वाली बन्दी से लगा रहे है। चर्चा तो यह भी है कि सुशासन बाबु नशबन्दी लागू करना चाहते थे लेकिन डिप्टी सीएम के पापा कही इसे व्यक्तिगत हमला न समझ ले ऐसा सोच कर उन्होने अपने सुविचार त्याग दिये। उधर तस्करों ने महावीर की ऐतिहासिक प्रतिमा चुराने का दुस्साहस कर बिहार के पर्यटन उद्योग को करारा झटका देते हुए खुद के लघुउद्योग पुनः धीरे धीरे स्थापित करने शुरू कर दिये है। दो महान विभूतियों के गले मिलने पर किचकिच अच्छी बात नही है। आपसी भाईचारे के लिए गले मिलने में कोई बुराई की बात नही है जबकि भाई तो वो है ही चारा भी उनमें कुट कुट कर भरा है। जनता को भरोसा करना चाहिए। जिसे भारत के चिकित्सक लाडलों की चिकित्सा प्रणाली पर तनिक भी भरोसा नही है वो माॅ भी चाहती है कि उसके बकलोल लाडले पर भारत आॅखें मून्द कर भरोसा कर लें। हमें तो कभी कभी देश का भाग्य उस कसाई के जैसे लगने लगता है जिसे बकरे से मुहब्बत हो गई है। देश की यह भी एक समस्या है कि बुद्धिजीवी बुद्धुजीवी की तरह व्यवहार करने लगें हैं।
       हमारे परम प्रिय पडोसी मित्र नेपाल ने भारतीय मीडिया पर बैन लगा दिया है। अब भरत को भी यही काम कर लेना चाहिए। दंगे फसाद असहिष्णुता जैसे मुद्दे अपने आप समाप्त हो जायेंगे। मीडिया नकरात्मक खबरे दिखाना बन्द कर दे। हर पक्ष की न्यायोचित खबर दिखाये तो ना असहिष्णुता रहेगी और न ही इस पर बहस की जरूरत पडेगी। हमलोग जहाॅ रहते है वहाॅ
नफरत की भावना को भी बडे प्यार से सहते है। ये देश नही मेरी जान है जिसे हिन्दूस्तान कहते है।

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