चाय की अडी पर बाबा बटुकनाथ बहुत नाराज मुद्रा में चुपचाप विराजमान थे। हमेशा देश की समस्या पर बेवाक टिप्पणी करने वाले बाबा का मौन धारण तमाम अडीबाजों को खल रहा था। बात मैंने शुरू की, बाबा ! प्रधानमन्त्री के अचानक संक्षिप्त पाकिस्तान यात्रा और लाहौर में भव्य स्वागत से कान्ग्रेसीजन काफी नाराज दिख रहे है। बस मेरी बात समाप्त ही हुई थी कि बाबा का मौखिक तापमान बढ गया। अपने चिरपरिचित अन्दाज में बोले-नाराज तो हाफिज सईद भी है उसने तो शरीफ साहब को सख्त हिदायत दी थी कि मोदी जी से ये कत्तई न पूछे कि ’’और बताइए क्या लेंगंे’’ ? मोदी जी को बता के जाना चाहिए जैसे पप्पू की मम्मी अपने इलाज के लिए जब विदेश जाती है तो सबको बता के जाती है। वो कौन सी बीमारी है जिसका आज तक किसी को पता नही चला। हां अलबत्ता पप्पू जरूर बता कर चिन्तन करने बैन्काक जाते है। भाई साहब आप तो गये है बैन्काक, और यदि नही गये है तो जाइये आप को पता चल जायेगा कि बैन्काक में सबकुछ हो सकता है लेकिन चिन्तन नही हो सकता। कहने को क्या है आप का मुंह है जो मन में आये बकिये। तथाकथित बुद्धिजीवी की तरह असहिष्णुता रूपी फोल्डिंग वाली कुर्सी को जब मन करे खोलकर बैठ जाइये और जरूरत न हो तो समेट कर किनारे लगा दिजीये। कहने को तो यह भी कहा जा सकता है कि असहिष्णुता से परेशान लोगों के लिए पाक में प्लाट देखने गये थे। गुरू रहस्य कि बात यह है कि मोदी जी पाकिस्तान में शान्ति का पैगाम लेकर गये थे, वो क्या है कि गदर में जिस जगह से सनी देयोल ने हैन्डपाईप उखाडा था भारत सरकार अब अपने खर्चे से वहाॅ समरसेबुल पम्प लगवायेगी और सारे मसले हल हो जायेंगे। खुशी तो यह है कि बजरंगी भाई की तरह अपने मोदी भाई भी बिना बीजा के ही पाकिस्तान होकर लौट आये है और ये जो विरोधी है बिना मतलब के शोर मचाये हुए है। देश में इतनी सर्दी में भी लोग अभी भी फुटपाथ पर सो रहे है और इन्हे तो सोने के लिए, शोर मचाने के लिए, हाथपाईं करने के लिए भी नया संसद भवन चाहिए। बनना भी जरूर चाहिए क्यों कि इनकी काॅव किचकिच सुनकर वर्तमान संसद भवन की दिवारें घायल हो चुकीं हैं। जैसे बुद्धिहीन लडका पढने की जब सोचता हैै तो सबसे पहले नई कापी खरीद कर लाता है। सांसदों पर काम करने का दबाव बना तो नया संसद भवन बनाने की मांग कर बैठे। पुराने का भवन ही खराब है यदि ये इसमें काम करने लगे तो ढह भी सकता है। इनहें कहाॅ पता है कि इसकी नींव में गारा मिट्टी की जगह करोडों हिन्दुस्तानी की आस्था एवं बलिदानियों का रक्त लगा है।
इनहें कहाॅ पता है कि इसकी नींव में गारा मिट्टी की जगह करोडों हिन्दुस्तानी की आस्था एवं बलिदानियों का रक्त लगा है।
जवाब देंहटाएंबेहद मार्मिक पंक्तिया
महत्वपूर्ण व्यंग
इनहें कहाॅ पता है कि इसकी नींव में गारा मिट्टी की जगह करोडों हिन्दुस्तानी की आस्था एवं बलिदानियों का रक्त लगा है।
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आभार
जवाब देंहटाएंचौबे जी
सारगर्भित टिप्पणी के लिए
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जवाब देंहटाएंचौबे जी
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