विज्ञापन न होते तो हमारी चिन्ता कौन करता ?


हम अक्सर सोचने पर मजबुर हो जाते है कि अगर विज्ञापन न होते तो इस खुदगर्ज जमाने में हमारी इतनी चिन्ता कौन करता ? जितनी भगवान को हमारी अनिवार्य आवश्यकताओं की चिन्ता नही है कही उससे जियादा विज्ञापन हमारी जरूरतों के प्रति जागरूक रहता है। सुबह सुबह कौन सा टुथपेस्ट हमारे दाॅतो के लिए लाभादायक है। ताजगी के लिए चाय कौन सी चाहिए। नहाते वक्त कौन सा साबुन त्वचा की रक्षा के साथ मैल में छिपे किटाणुओं को धो डालता है। तेल मसाले आटा से लेकर कौन सा नमक देश का नमक है जैसी बहुत सारी जिम्मेदारियों का निर्वहन अकेला विज्ञापन सम्भालता है।  बीबी को नही चिन्ता है कि आपके बाल सफेद हो रहे है तो इसे काला करना है किन्तु विज्ञापन को सदैव चिन्ता बनी रहती है। टीबी के प्रत्येक चैनलों ने इस महान काम को बखुबी अन्जाम देने की कसम खा रखी है। हम थोडा संकोची स्वभाव के है कोई भी नायिका टीबी पर मुस्कुराते हुए आकर कहती है कि यह क्रीम चेहरे को निखार देता है तो बस हम उसको ना नही कर पाते है। तुरन्त लेके आते है। पिता जी भी गंगा जल पीने की उम्र में वह पानी पीते है जिसे पीने के लिए ड्रीम गर्ल कहती है। हम संस्कारी लोग नारी का सम्मान करना अच्छी तरह से जानते है। अपने बजरंगी भाई जान दस रूपये के बोतल पीने के लिए कुछ तुफानी करते है। हम कह रहे है काहे को जान जोखिम में डाल रहे हो। तुम तो सेलिब्रटी हो कही मर मुरा गये तो, बोतल का क्या है वो तो बिक ही जायेंगे। बाद में हमें दोष दोगे कि समय रहते बताया नही। टेन्शन की अधिकता के चलते दिमाग जो कि शरीर के शायद सबसे उपरी भाग में होता है को शीतल करने के लिए सदी के महानायक तेल लगाने को बोलते है। हम दौड कर खरीद लाते है। भाई इतने बडे महान कवि का बेटा, सिनेमा जगत का सुपर स्टार एक कलर्क टाईप के आदमी को तेल लगाकर मालिश करता है। तो ठंढक और आराम तो जरूर मिलता होगा। कलर्क के भाग्य से जलन हो रही है । लेकिन वो ऐसा हमारे लिए कर रहे है ताकि हम समझे कि जीवन में कलर्क भी बनना हो तो भी तेल लगाना आवश्यक होता है। कदम कदम पर विज्ञापन हमारा ध्यान रखे हुए है। हम इन विज्ञापनों के आभारी है जो हम बीए की क्लास में न जान पाये थे हमारा बच्चा वो सब बचपन में ही जानने लगा है। विज्ञापन हमारी चिन्ता करता है और हम चिन्ता कर रहे है कि टीबी पर जब भी विज्ञापन आता है  ’’नो चिपकोइंग बेच दे, बेच दे, पुराना ओलेक्स पर बेच दे ’’ तब बच्चे एक टक दादा दादी को क्यों देखते है।        

2 टिप्‍पणियां:

  1. भाई इतने बडे महान कवि का बेटा, सिनेमा जगत का सुपर स्टार एक कलर्क टाईप के आदमी को तेल लगाकर मालिश करता है। तो ठंढक और आराम तो जरूर मिलता होगा। कलर्क के भाग्य से जलन हो रही है । लेकिन वो ऐसा हमारे लिए कर रहे है ताकि हम समझे कि जीवन में कलर्क भी बनना हो तो भी तेल लगाना आवश्यक होता है।

    हा हा हा क्या बात भइया सच है
    तेल लगाना अति आवश्यक है

    जवाब देंहटाएं
  2. भाई इतने बडे महान कवि का बेटा, सिनेमा जगत का सुपर स्टार एक कलर्क टाईप के आदमी को तेल लगाकर मालिश करता है। तो ठंढक और आराम तो जरूर मिलता होगा। कलर्क के भाग्य से जलन हो रही है । लेकिन वो ऐसा हमारे लिए कर रहे है ताकि हम समझे कि जीवन में कलर्क भी बनना हो तो भी तेल लगाना आवश्यक होता है।

    हा हा हा क्या बात भइया सच है
    तेल लगाना अति आवश्यक है

    जवाब देंहटाएं