केन्द्र सरकार ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत कुल 97 शहरों को विकसित करने का निर्णय लिया है। जिसमें प्रधानमऩ्त्री का संसदीय क्षेत्र यानि कि हमारा बनारस निचे से दुसरे स्थान पर है। इसका हमें रत्तिभर भी हार्दिक कष्ट नही है क्यों कि हम पहले से ही आलरेडी ओवर स्मार्ट शहर के रहने वाले है। मोक्ष देने वाली नगरी में रहने वाले हम लोग बेकार की भैतिकवादी प्रतियोगिता के पचडे में नही पडते। पच्चास लाख के वातानुकूलित बाथरूम में विदेशी साबुन से नहाने केबाद महानगर के लोग अपने को जितना स्मार्ट समझते होंगे उससे जियादा हम गमच्छा पहन कर गंगा स्नान के बाद अपनेे कोे समझते है। हमारे यहां सडकों पर गड्डे स्मार्ट है, मध्य सडक के बीचो बीच विराजित गाय भैंस स्मार्ट है। साइकिल पर दूध का बल्टा लटकाये हुए अपने कोे मन्त्री का साढू समझने वाला प्रत्येक सरदार स्मार्ट है। पान की पीक से चित्रकारी करता हर एक आदमी स्मार्ट है। अतिक्रमण करने वाला स्मार्ट है। अपने घर का कूडा पडोसी के दरवाजे पर फेंकने वाला स्वच्छ भारत अभियान को समर्पित हर एक पडोसी स्मार्ट है। इतनी स्मार्टनेश तो पहले से ही विराजमान है।
आत्मा अजर अमर है इसलिए इसको स्मार्ट होना चाहिए ये नश्वर जगत स्मार्ट होकर क्या कर लेगा। यह तो मिथ्या है। सरकार ने हमारे शहर को स्मार्ट शहर में शामिल नही किया है यह सोच कर के कि जो शहर पहले से इतना स्मार्ट है कि सिधे प्रधानमन्त्री चुनता है उसे और कितना स्मार्ट बनाया जा सकता है। यह योगियों का शहर है। अधिक सुविधा सम्पन्नता आदमी को रोगी बनाती है। सरकार हमारी असूर्य पश्या गलियों में स्मार्ट रोशनी फैला कर हमारी प्राचीन परम्परा को ठेस पहुंचाना नही चाहती है। लंगोट से कमर कसने में जो स्मार्टनेश है वो टाई से गला कसने में कहां। दो रूपये की भंग छानने के बाद पुरी दुनिया ही स्मार्ट नजर आने लगती है। है कोई विश्व मे ऐसा शहर जो समुची दुनिया को ही दो रूपये स्मार्ट बना कर दिखा दे । यह गौरव केवल और सिर्फ केवल हमारे आलरेडी ओवर स्मार्ट सिटी बनारस को प्राप्त है। ़राजा हश्चिन्द को खरिदने की कुबत रखने वाली, त्र्यौलोक्य पूजित शिवशंकर की राजधानी है यह स्मार्ट सिटी। तुलसीदास, भारतेन्दु, जयशंकर प्रसाद, मुन्शी प्रेमचन्द आदि रत्न इसी स्मार्ट सिटी की देन है। भरतरत्न पं महामना की तपस्थली है। जहां कि फिजाओं में हरहर महादेव की गुन्ज के साथ बिस्मिल्ला खाॅ की शहनाई की अनुगुन्ज आज भी प्रतिध्वनित होती रहती है। कोई कुछ भी समझले हम तो आलरेडी ओवरस्मार्ट सिटी के रहने वाले लोग है।
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