बुताय गई ढेबरी

धन्यबाद आपने बढ़ाया मान भारत का
सुनिये सुना रहा हूँ एक खुशखबरी।
लाभ जो कमाता रहा अपने यहाँ से और
पाक सा पड़ोसी उकसाता रहा जबरी।
सबक सिखाने हेतु उसे समझाने हेतु
हमने जो बांधी स्वाभिमान वाली पगरी।
सबने तो मिट्टी के जलाये इतने दीये कि
चिंग चांग चाउ की बुताय गयी ढेबरी।

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